۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
مولانا احمد علی عابدی

हौज़ा/ वकील मुत्लक हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद अहमद अली आबिदी ने हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद मुहम्मद सईदुल हकीम के निधन पर शोक संदेश जारी किए

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,वकील मुतलक
आयतुल्लाहिलह उज़्मा सैय्यद सिस्तानी इमामे जुमआ खोजा जामा मस्जिद मुंबई, प्रिंसिपल हौज़ाये इल्मिया जामिया अमीरुल मोमिनीन नजफी हाउस मुंबईहुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद अहमद अली आबिदी का हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद मुहम्मद सईदुल हकीम के निधन पर शोक संदेश किया हैं।
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलाहे राजेउन
मरजय बुजुर्गोंवार हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद मुहम्मद सईदुल हकीम के निधन पर मिल्लते इस्लामिया और खासकर हौज़ाये इल्मिया नजफ अशरफ हकीम परिवार की यह प्रमुख शख्सियत न केवल हकीम परिवार के लिए बल्कि पूरे शिया जगत के लिए एक आदर्श व्यक्ति थी, जिन्होंने अपना अधिकांश जीवन कैद और दुख में गुज़ारा
लेकिन अपने कारावास की कठिनाइयों के बावजूद, इस महान व्यक्तित्व ने अपना विद्वतापूर्ण कार्य जारी रखा, जेल में भी, उनकी विद्वता यात्रा जारी रही और लोगों का प्रशिक्षण जारी रहा।
और जो मज़लिम उन्होंने सद्दाम मलउन जिसका असर उनकी सेहत पर बहुत ज़्यादा ज़हिर हुआ
यह वास्तव में इस्लाम राष्ट्र और शिया राष्ट्र के लिए एक बड़ी त्रासदी है, और वास्तव में यह इस्लाम की पूरी दुनिया के लिए और विशेष रूप से इस महान शख्सियत के लिए बुलंद मर्तबा है।
जो इस्लाम की पूरी दुनिया के लिए है और विशेष रूप से उस महान जाति के लिए जिसका उन्होंने प्रतिनिधित्व किया था
हम पहले इमाम वक़्त की सेवा में अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं, और फिर नजफ़ के मदरसे हकीम के परिवार की सेवा में। वास्तव में, उन्होंने अन्य क्षेत्रों में भी बहुत काम किए और बहुत किताबें लिखी है।,
  और आपने हर तरह से दीन की खिदमत की उनकी लिखी हुई किताबें मुंह बोली एक तस्वीर की तरह है।
उनकी किताबें बताती हैं कि उनकी गहरी निगह थीं. ऐसे व्यक्तित्व अद्वितीय हैं.
हम अल्लाह ताला से दुआ करते हैं कि परवरदिगार उनका कोई बेहतरीन जानशीन करार दे जो उनके कारवान को आगे तक लेकर चले और हम दुआ करते हैं
अल्लाह तआला हज़रत आयतुल्लाहिल सईदुल हकीम को जवारे मासूमीन अ.स. मे जगह करार दे मरहूम के दरजात को बुलंद फरमाएं और उनके परिवार वालों को सुख और शांति दें
शरीके ग़म
अहमद अली आबिदी

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