हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, लबनान के प्रमुख मौलवी शेख अहमद क़ुब्लान मुफ्ती जाफरी ने एक बयान में, स्वीडिश नागरिक के पवित्र कुरान के अपमान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, इस कदम को एक बर्बर और कायरतापूर्ण कार्य कहा।
उन्होंने यह कहते हुए कि पश्चिमी मानवाधिकार, दैवीय धर्मों के बीच संवाद और सह-अस्तित्व का दावा एक झूठ है, आगे कहा हमने पश्चिम से स्वतंत्रता के नाम पर आक्रमण, आतंकवाद, हत्या, विनाश और अव्यवस्था के अलावा कुछ नहीं देखा है।
मुफ्ती जाफरी ने कहा कि पवित्र कुरान आकाश की आत्मा, बुद्धि का संतुलन, ईश्वर के अस्तित्व का स्पष्ट प्रमाण है, और एक अज्ञानी व्यक्ति द्वारा अपमान करने से इस महान पुस्तक की महानता मे कमी नहीं आएगी। पश्चिमी आधिपत्य अपने अंतिम चरण में है, इसलिए पश्चिम जो आज करता है उसके जवाब में उसे शर्म के अलावा कुछ नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि स्वीडिश पुलिस की निगरानी में देश के दक्षिण में एक चरमपंथी द्वारा कुरान को खुले में जलाना एक आतंकवादी कृत्य था और इसके लिए स्वीडिश सरकार जिम्मेदार थी।
शेख क़ुब्लान ने आगे कहा कि इस कायराना हरकत ने पश्चिम को मुसलमानों के साथ उसकी ऐतिहासिक और शाश्वत दुश्मनी की याद दिला दी और एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया कि पश्चिम में दूसरों को बर्दाश्त करने की क्षमता नहीं है।