हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने,,कफ्फारे को उसके असल मौरीद के अलावा अन्य जगहों पर खर्च करने के हुक्म,, के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं।
सवाल: हमने कफ्फारे के पैसे जमा करने के लिए मस्जिद में एक (Box)बॉक्स रखा, और इस बॉक्स में कफ्फारे के काफी पैसे जमा हो गए , क्या इस पैसे को मस्जिद के अन्य कामों में खर्च कर सकते हैं?
उत्तर : जायज़ नहीं हैं।कफ्फारे को शरई नियमों के अनुसार पहचाना चाहिए ताकि उसको अपनी आवश्यकताओं के अनुसार खर्च कर सकें ,