हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने
विरासत (मीरास)से वंचित करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।जो शरई मसाइल में दिलचस्पी रखते हैं।
इस प्रश्न और उत्तर का पाठ इस प्रकार है:
सवाल : क्या एक पिता अपने बेटे को विरासत से वंचित कर सकता है या कुछ बेटों को अधिक हिस्सा दे सकता है?
उत्तर : शरियाते इस्लाम में कुछ हिस्सेदार (वरसा)को संपत्ति से वंचित करना जायेज़ नही हैं।और ऐसा काम बातिल हैं।लेकिन एक व्यक्ति अपनी मृत्यु से पहले अपनी संपत्ति कुछ बच्चों या अन्य व्यक्तियों को दे सकता हैं।लेकिन उसे ऐसा नहीं करना चाहिए, जिसके कारण दोनों के बीच विवाद हो।
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