۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
रहबर

हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,ईदुल फ़ित्र की नमाज़ एक तरह से रमज़ान के महीने में प्राप्त होने वाली अल्लाह की नेमतों का शुक्रिया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,रोज़ेदार मोमिन इंसान शबे क़द्र से नए साल का आग़ाज़ करता है। शबे क़द्र में अल्लाह के फ़रिश्तों की तरफ़ से एक साल के लिए उसकी तक़दीर लिखी जाती है।


इंसान एक नए साल में, नए चरण में और दर हक़ीक़त एक नई ज़िंदगी में और नए जन्म में प्रवेश करता है। ईदे फ़ित्र की नमाज़ एक तरह से रमज़ान के महीने में प्राप्त होने वाली अल्लाह की नेमतों का शुक्रिया है।

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .