हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " इकबालुल आमाल" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
مَن أحيى لَيلَةَ القَدرِ حُوِّلَ عَنهُ العَذابُ إلَى السَّنَةِ القابِلَةِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
जिसने शबे क़द्र जागकर इबादत में गुज़ारी तो आने वाले साल तक इससे अज़ाब हटा दिया जाएगा
इकबालुल आमाल,भाग 1,पेज 345