गुरुवार 5 मई 2022 - 00:09
छात्रों को रहबरे इंक़ेलाब की नसीहतः हरगिज़ मायूस न होइए,बल्कि उम्मीद का मरकज़ बनिए

हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,आप विद्यार्थियों से मेरी विनती है ना उम्मीदी और लक्ष्यहीनता से दूरी है। ख़याल रखिए, मतलब अपना ख़याल रखिए, अपने दिलों का ख़याल रखिए, ख़याल रखिए कि मायूस न हो जाएं। आप लोगों को तो दूसरे मैदानों में उम्मीद पैदा करने वाला मरकज़ बनना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने कहां,आप विद्यार्थियों से मेरी विनती है ना उम्मीदी और लक्ष्यहीनता से दूरी है। ख़याल रखिए, मतलब अपना ख़याल रखिए, अपने दिलों का ख़याल रखिए, ख़याल रखिए कि मायूस न हो जाएं। आप लोगों को तो दूसरे मैदानों में उम्मीद पैदा करने वाला मरकज़ बनना चाहिए।


हां बहुत से मैदानों में कमियां हैं लेकिन क्या इन कमियों को दूर करना मुमकिन नहीं है? बिल्कुल मुमकिन है, इन कमियों को दूर किया जा सकता है। सब से पहली बात जो मैं कहूंगा वह यह है कि इस सिलसिले में आप तक़वे का रास्ता अपनाइए। तक़वा यानी ख़ुद पर हमेशा नज़र रखना और ख़याल रखना।

इस बात का ख़याल रखिए कि कहीं आप के दिल में नाउम्मीदी तो नहीं पैदा हो रही है कि ‘अब नहीं हो पाएगा, अब कोई फ़ायदा नहीं’ इस तरह के ख़यालात दिल में न आने पाएं।

इमाम ख़ामेनेई,

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