मंगलवार 24 मई 2022 - 19:44
नौजवानों का इस्लाम की ख़िदमत और उसका इनाम

हौज़ा/हज़रत इमाम इमाम ख़ुमैनी र.ह. ने कहां,जो नौजवान, इस्लाम की ख़िदमत की नीयत से पूरी रात जागता है, ख़ुद को ख़तरों में डालता है, संघर्ष करता है, उसके अमल की क़द्र व क़ीमत का अंदाज़ा हम नहीं लगा सकते कि कितनी है, उसका इनाम क्या है!

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत इमाम इमाम ख़ुमैनी र.ह.ने कहां,जो नौजवान, इस्लाम की ख़िदमत की नीयत से पूरी रात जागता है, ख़ुद को ख़तरों में डालता है, संघर्ष करता है, उसके अमल की क़द्र व क़ीमत का अंदाज़ा हम नहीं लगा सकते कि कितनी है, उसका इनाम क्या हैं।


क्या अल्लाह के अलावा किसी के बस की बात है कि उस अमल का बदला दे सके?क्या दुनिया और उसकी चमक-दमक, उस इंसान का इनाम हो सकती है जो अल्लाह के लिए उठ खड़ा हुआ है और जिसने अल्लाह के लिए ख़ुद को ख़तरे में डाला है?


आप अल्लाह के लिए उठ खड़े हुए, आपने अल्लाह के लिए जेहाद किया और इन शा अल्लाह आख़िर तक अल्लाह के लिए जेहाद करते रहेंगे और इस आंदोलन को अल्लाह के लिए ही विजयी बनाएंगे। ये इलाही जज़्बा आपको, जीत के साहिल तक पहुँचाएगा।

इमाम ख़ुमैनी र.ह.
17 सितम्बर 1979

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