हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, आयतुल्लाहिल उज़्मा जाफ़र सुबहानी ने हौज़ा ए इल्मिया के प्रमुख को लिखे एक पत्र में पोप से मुलाकात के संबंध में निम्नलिखित बातें कही हैं:
1- महामहिम की वेटिकन यात्रा हौज़ा ए इल्मिया क़ुम और कैथोलिक धर्म के बीच पहला नियमित संपर्क है।
2- पोप का व्यक्तित्व उनके पूर्ववर्ती से अलग है क्योंकि उनकी इराक यात्रा और आयतुल्लाह सिस्तानी के साथ उनकी बैठक के दौरान जो तथ्य उन्होने बयान किए है वो उन्हे बयान करने से परहेज़ भी कर सकते थे जिससे स्पष्ठ होता है कि वह चीज़ो के छुपाने के बजाए किसी हद तक तथ्यो को बयान करने को प्राथमिकता देते है ।
3- पारस्परिक शैक्षणिक और शैक्षणिक सहयोग और शिक्षक-छात्र संपर्क एक बहुत ही उपयुक्त पहल होगी।
4- इस बैठक के लिए मेरा सबसे अच्छा सुझाव है कि साझा कलामी मुद्दों को लिखित रूप मे प्रस्तुत किया जाए जिसका प्रारूप बड़ा ना हो, लेकिन बच्चों के अधिकार, परिवार और पर्यावरण जैसे सामान्य विद्वानों के काम भी चर्चा के लिए उपयुक्त विषय हैं।
5- इस बैठक में उनके शैक्षणिक संघों को हौज़ा ए इल्मिया के केंद्रों का दौरा करने के लिए आमंत्रित करना भी उचित होगा।