शनिवार 11 जून 2022 - 17:18
हज एक ऐसी ईबादत हैं जो मिल जुल कर जीना सिखाता हैं।

हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,हज एक पवित्र इबादत है जो लोगों को मिलजुल कर रहने का तरीका सिखाता हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,आज दुनिया में इंसान की मुश्किलों की जड़ क्या है?


यही कि उसे मिल जुल कर रहने का तरीक़ा नहीं आता। वे एक दूसरे पर ज़्यादती करते हैं। हज एक ऐसी ईबादत हैं जो मिल जुल कर जीना सिखाता हैं।


हज में ऐसे लोग जो एक दूसरे से कोई पहचान नहीं रखते और जिनके कल्चर अलग हैं, एक साथ रहते हैं।

इमाम ख़ामेनेई,

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