۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा/ हज़रत इमाम जाफर सादिक (अ.स.)ने एक रिवायत में ज़काते फितरहा की अदायगी को रोज़े की तक्मील का सबब कहां हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "
वसायेलु शिया" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الصادق علیہ السلام

ان من تمام الصوم اعطاء الزکاة یعنی الفطرة کما ان الصلوة علی النبی (صلی الله علیه و آله و سلم) من تمام الصلوة ....


हज़रत इमाम जाफर सादिक (अ.स.)ने फरमाया:
रोज़े की तक्मील ज़कात का अदा करना है, यानी फितरह देना है, जैसे कि रसूल अल्लाह(स.ल.व.व.) पर दुरूद भेजना नमाज़ की तक्मील का सबब हैं।


वसायेलु शिया,भाग 6,पेंज 221

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