हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने फरमाया:यह उन्हें बर्दाश्त न था कि एक क़ौम अमरीका से और उस ज़माने में दुनिया पर छाई फ़ौजी, सियासी और आर्थिक ताक़त से न डरे।
लेहाज़ा वे ईरान से बदला लेने की कोशिश में थे। बग़ावत, तबस हवाई हमला, जातियों को भड़काने जैसी हरकतें कीं, कुछ हाथ न आया तो एक पड़ोसी के ज़रिए जंग थोप दी।
ईरान के खिलाफ दुश्मन की नाकामी इस बात की गवाह है कि दुश्मन ने हर मैदान में ईरान के खिलाफ अपने हथकंडे को अपनाया और खुद को मुंह की खानी पड़ी दुश्मन की शिकस्त जारी है और वह कभी भी अपने मंसूबे में कामयाब नहीं होगा
इमाम ख़ामेनेई,