हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,कभी किसी फ़ौजी या सियासी मरकज़ को निशाना बनाया जाता है।
तो वो अलग बात होती है लेकिन कभी ज़ियारतगाह को निशाना बनाया जाता है जो सियासी या फ़ौजी मरकज़ नहीं बल्कि अल्लाह से लव लगाने की जगह है।
किस बात का संकेत है कि दुश्मन मानव अधिकार हुकूमत के खिलाफ हंगामा मुल्क में चैन और शांति को भंग करना चाहता हैं।
इमाम ख़ामेनेई,