हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहां,कभी यह दुनिया दो बड़ी ताक़तों की मुट्ठी में थी।
एक ताक़त अमरीका और दूसरी ताक़त पूर्व सोवियत युनियन एक मसले पर यह दोनों मुत्तफ़िक़ थे और वह मसला था इस्लामी जुमहूरिया की दुश्मनी, इमाम ख़ुमैनी उनके मुक़ाबले में डट गए। झुकना गवारा न किया। साफ़ कह दियाः "न पूरब न पश्चिम" दुश्मन समझ रहे थे कि यह लक्ष्य पूरा नहीं होगा।
सोच रहे थे कि इस पौधे को उखाड़ फेंकेंगे। मगर पौधा आज तनावर दरख़्त बन गया है। इसे उखाड़ फेंकने की बात सोचना उनकी हिमाक़त ही होगी।
इमाम ख़ामेनेई,