۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
मौलाना सफ़ी हैदर ज़ैदी

हौज़ा / मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी ने एक बयान जारी कर ईरान के शिराज शहर में हुए आतंकी हमले की निंदा की है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, तंज़ीमुल मकातिब लखनऊ के सचिव मौलाना सैयद सफी हैदर जैदी ने ईरान के शिराज शहर में हुए आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी किया है, जिसका पाठ इस प्रकार है:

बिस्मिल्लाहिर्रामानिर्राहीम

’’قُلْ مَن كَانَ فِي الضَّلَالَةِ فَلْيَمْدُدْ لَهُ الرَّحْمَٰنُ مَدًّا ۚ حَتَّىٰ إِذَا رَأَوْا مَا يُوعَدُونَ إِمَّا الْعَذَابَ وَإِمَّا السَّاعَةَ فَسَيَعْلَمُونَ مَنْ هُوَ شَرٌّ مَّكَانًا وَأَضْعَفُ جُندًا ‘‘ (سورہ مریم، آیت ۷۵)

(हे रसूल!) आप कहते हैं कि जो भूल में रह जाता है, ईश्वर उसे तब तक ढीला करता रहेगा जब तक वह इस दिव्य प्रतिज्ञा को नहीं देख लेता.... या सजा के रूप में या पुनरुत्थान के रूप में.... तब उसे यह पता चल जाएगा कि कौन जगह के मामले में सबसे खराब है और मददगारों के मामले में सबसे कमजोर कौन है।

अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ कि बाबूल हवाईज इमाम काज़िम (अ.स.) के पुत्र सय्यद अहमद प्रसिद्ध शाह चिराग (अ.स.) की पवित्र दरगाह पर मानव-विरोधी तकफ़ीरी समूह दाएश द्वारा हमला किया गया। दरगाह के 20 सेवकों और जाएरीन को हमला करके शहीद कर दिया और 45 से अधिक विश्वासियों को घायल कर दिया।

ठीक अजान के समय सेवकों, तीर्थयात्रियों और नमाजीयो पर हमले से यह स्पष्ट है कि ये तथाकथित एकेश्वरवादी न केवल तौहीद की भावना से अनभिज्ञ हैं, बल्कि तौहीद के खिलाफ और नास्तिक भी हैं। तकबीर की आवाज केवल मौखिक है और शैतान का अनुसरण करना उनका आदर्श वाक्य है।

जाहिर है, यह हमला कोई संयोग नहीं है, बल्कि इस्लाम और मानवता के दुश्मनों की लंबे समय से चली आ रही इच्छा है। जन्नत-उल-बकी और जन्नत-उल-मोअल्ला के उजाड़ने के बाद, इन बदमाशों की दिली इच्छा सीरिया, इराक और ईरान के सभी तीर्थों और पवित्र स्थानों को ध्वस्त करने की थी, लेकिन इस्लामी क्रांति की सफलता ने उनकी सभी आकांक्षाओं को दूर कर दिया। झूठी ताकतें इस्लामी क्रांति की दुश्मन बन गईं। ईरान में हालिया दंगा भी इसी श्रृंखला की एक कड़ी है। जब दुश्मन आजादी के नाम पर अवज्ञा करने में सफल नहीं हो सका, तो उन्होंने इमामज़ादा शाह चिराग (स) की दरगाह पर हमला किया और अपनी हार की घोषणा की।

इस हमले ने आंतरिक और बाहरी दुश्मनों के चेहरे से नकाब हटा दिए और दुनिया के लोगों, खासकर आस्था के लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आजादी के नाम पर नग्नता एक बहाना है। उनकी असली दुश्मनी मानवता से है, इंसान से है। मूल्य और मानव स्वतंत्रता। लेकिन हमें यकीन है कि जब तक विलायत फ़क़ीह की पवित्र व्यवस्था स्थापित रहेगी, दुश्मन की सभी योजनाएँ और षड्यंत्र विफल हो जाएंगे और वे हर मोर्चे पर पराजित होंगे। इंशाल्लाह जल्द ही इस हमले के सभी अपराधी और देशद्रोही अपनी भूमिका में पहुंच जाएंगे।

हम! हम इस आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हैं और शोक संतप्त और घायलों के पूर्ण स्वास्थ्य और शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।

हम ! हज़रत वली असर, और इस्लामी क्रांति के महान नेता, हज़रत अयातुल्ला अली खामेनेई, ईरान राष्ट्र और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।

’’وَسَيَعْلَمُ الَّذِينَ ظَلَمُوا أَيَّ مُنقَلَبٍ يَنقَلِبُونَ‘‘

वस्सलाम

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