हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मजमुआ वर्राम" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول الله صلی الله علیه وآله وسلم
إنّ الكذبَ بابٌ مِن أبوابِ النِّفاقِ
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
झूठ नेफाक के दरवाजों में से एक दरवाज़ा हैं।
मजमुआ वर्राम,भाग 1,पेंज 113