۲۹ شهریور ۱۴۰۳ |۱۵ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Sep 19, 2024
समाचार कोड: 390958
11 अगस्त 2024 - 12:32
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हौज़ा / हज़रत इमाम अली अ.स. ने एक रिवायत में हिर्स और लालच के नुकसानात की ओर इशारा किया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मजमुआतुल वर्राम" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

:قال أمیرالمؤمنین علی علیه السلام

أَكْثَرُ مَصَارِعِ اَلْعُقُولِ تَحْتَ بُرُوقِ اَلْأَطْمَاعِ اَلْعَبِيدُ ثَلاَثَةٌ عَبْدُ رِقٍّ وَ عَبْدُ شَهْوَةٍ وَ عَبْدُ طَمَعٍ. مَنْ أَرَادَ أَنْ يَعِيشَ حُرّاً أَيَّامَ حَيَاتِهِ فَلاَ يُسْكِنِ اَلطَّمَعَ قَلْبَهُ

हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:

अक्सर अक्लों का ठोकर खाकर गिरना लोभ और लालच की बिजलियां चमकने पर होती हैं, गुलामों की तीन किस्में है, आज़ाद गुलाम(आज़ादी का तालिब) शोहरत का गुलाम और लालच का गुलाम

जो अपनी जिंदगी में आज़ाद रहना चाहता है तो इसे अपने दिल में लालच को जगह नहीं देनी चाहिए।

मजमुआतुल वर्राम,भाग 1,पेंज 49

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