हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "अल-काफी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیه السلام:
المَسجونُ مَن سَجَنَتهُ دُنياهُ عَن آخِرَتِهِ
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
असली क़ैदी वही है जिसकी दुनिया उसे आख़िरत से रोके।
अल- काफी: भाग 2, पेज 455, हदीस 9