हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "काफी" पुस्तक से लिया गया है इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
مَن زَوَّجَ أعزَبا، كانَ مِمَّن يَنظُرُ اللّهُ عز و جل إلَيهِ يَومَ القِيامَةِ
हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
जो ग़ैर शादी शुदह(अविवाहित) आदमी की शादी कराएगा तो अल्लाह तआला कयामत के दिन उस पर नज़रे करम और लुत्फ फरमाएगा।
काफी,भाग 5,पेज 331,हदीस नं 2