हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हेट स्पीच और हेट क्राइम को लेकर कहा कि यह सरकार ही रोक सकती है क्योंकि यह अपराध हिंदू और मुस्लिम के बीच मतभेद पैदा करने के लिए किए जा रहे हैं।
अंग्रेज़ी अख़बार 'द हिंदू' लिखता है कि सरकार इस बात पर सहमत है कि नफ़रत किसी भी धर्म के रंग के पीछे छिप नहीं सकती हैं।
जस्टिस बीवी नागरत्ना वाली खंडपीठ में जस्टिस के.एम. जॉसेफ़ ने कहा, हम सरकार के सामने किसी भी मामले में आना पसंद नहीं करते लेकिन कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जब धार्मिक स्वतंत्रता, सौहार्द और व्यवस्थित प्रगति गंभीर रूप से प्रभावित हो रही हो तो दख़ल देना होता हैं।
आज हम किस लिए लड़ रहे हैं? हेट स्पीच के कारण आपस में नफरत फैलता जा रहा है कुछ लोगों के कारण हमें दिक्कतों का सामना हो रहा है हमें एक राष्ट्र के रूप में बहुत कुछ हासिल करना है, लोग बिना नौकरी के भूखे मर रहे हैं।
खंडपीठ की ये टिप्पणी उत्तर प्रदेश सरकार की उस सूचना के बाद आई जिसमें उसने कोर्ट को जानकारी दी है कि उसने साल 2021-2022 में हेट स्पीच के 580 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 160 मामले स्वत संज्ञान के थे. उत्तराखंड सरकार ने बताया कि उसने 118 मामले दर्ज किए थे.
जस्टिस जोसेफ़ ने कहा कि यह हेट स्पीच पूरी तरह से संकट के अलावा कुछ भी नहीं है.