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समाचार कोड: 384113
14 अक्तूबर 2022 - 08:58
Hijab

हौज़ा / कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को अपना अंतिम निर्णय देगा। जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की खंडपीठ इस मामले में 13 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगी

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को अपना अंतिम निर्णय देगा। जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की खंडपीठ इस मामले में 13 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले, हिजाब मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।


इस मामले में 21 वकीलों के बीच दस दिनों तक बहस चली थी याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ड्रेस कोड वाले कर्नाटक सरकार के संदर्भ में पीएफआइ से उसके ताल्लुक का कोई ज़िक्र नहीं था।


सर्वोच्च अदालत में दायर विभिन्न याचिकाओं में से एक में बताया गया है कि सरकार और प्रशासन छात्राओं को अपने धर्मों का पालन करने देने में भेदभाव बरतते हैं इससे कानून व्यवस्था बिगड़ने की परिस्थितियां पैदा होती हैं एक अन्य याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में छात्र-छात्राओं को समानता के आधार पर क समान निर्धारित वेशभूषा पहननी चाहिए


सुप्रीम कोर्ट में जब इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी तब सबसे पहले कर्नाटक सरकार के उस सर्कुलर पर बहस छिड़ी जिसमें हिजाब पर बैन लगाने की बात हुई थी।
अब याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट में जोर देकर कहा कि राज्य सरकार ने क्या सोचकर आजादी के 75 साल बाद यूं हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की सोची?
ऐसे में किस आधार पर राज्य सरकार वो सर्कुलर लेकर आई थी, ये स्पष्ट नहीं हो पाया दुनिया के दूसरे देशों के कुछ उदाहरण देकर भी हिजाब पहनने को सही ठहराया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के सामने अमेरिकी सेना के कुछ नियम बताए गए थे तो पश्चिम के दूसरे देशों में दिए गए अधिकारों का भी जिक्र हुआ था कोर्ट को बताया गया कि अमेरिका में सेना में भर्ती लोगों को पगड़ी पहनने की इजाजत रहती है।
सुप्रीम कोर्ट में हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 23 याचिकाएं दाखिल हैं।

इन याचिकाओं को मार्च में दाखिल किया गया था याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव धवन, दुष्यंत दवे, संजय हेगड़े, कपिल सिब्बल सहित कई वकीलों ने अपना पक्ष रखा है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 14 मार्च को हिजाब विवाद पर फैसला सुनाया था, जिसमें कहा था कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है हाईकोर्ट ने आगे कहा था कि छात्र स्कूल या कॉलेज की निर्धारिक ड्रेस कोड पहनने से इनकार नहीं कर सकते

क्या है हिजाब विवाद

बता दें कि कर्नाटक में हिजाब विवाद जनवरी के शुरुआत में उडुपी के ही एक सरकारी कालेज से शुरू हुआ था, जहां मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने से रोका गया था।
स्कूल प्रबंधन ने इसे ड्रेस कोड के खिलाफ बताया था। इसके बाद अन्य शहरों में भी यह विवाद फैल गया। मुस्लिम लड़कियां इसका विरोध कर रही हैं, जिसके खिलाफ हिंदू संगठनों से जुड़े युवकों ने भी भगवा शॉल पहनकर जवाबी विरोध शुरू कर दिया था एक कॉलेज में यह विरोध हिंसक झड़प में बदल गया था, जहां पुलिस को स्थिति नियंत्रण करने के लिए आंसू गैस छोड़नी पड़ी थी।

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