हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,पाकिस्तान के हवाले से यह बिल जमात-ए-इस्लामी पार्टी के प्रतिनिधि मौलाना अब्दुल अकबर चित्राली द्वारा पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की बैठक में पेश किया गया था, जिसकी अध्यक्षता स्पीकर राज़ा परवेज अशरफ़ ने की थी,
इस विधेयक को सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया नए कानून के अनुसार, पवित्र पैगंबर (स.ल.व.व.) के साथियों, परिवार और पत्नियों का अपमान करने के अपराध में दोषी पाए जाने वालों को न्यूनतम 10 साल की जेल और अधिकतम उम्रकैद की सजा होगी,इस अपराध के लिए पिछली अधिकतम सजा 3 साल की जेल थी।
पाकिस्तान में इस्लामी पवित्र हस्तियों का किसी भी तरह का अपमान एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा माना जाता है और इस्लामी पवित्र चीजों के अपमान के मुद्दे के प्रति लोगों की संवेदनशीलता के कारण अपराधियों के लिए सख्त कानून इस तरह निर्धारित किए गए हैं कि अपराधियों को सजा मिले। समय बीतने के साथ पाकिस्तान में ईश-निंदा करना और भी मुश्किल हो गया है।
पाकिस्तान में विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि ये कानून पाकिस्तान में चरमपंथी तत्वों द्वारा इस देश में पैगंबर के अपमान या कुरान या पैगंबर (स.ल.व.व.) के साथियों का अपमान करने के आरोप में अतिरिक्त-कानूनी हत्याओं के लिए दुरुपयोग का कारण बनता हैं।