हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,भारत और पाकिस्तान के ज़ाएरीन ने नजफ़ अशरफ़ में उनके केन्द्रीय कार्यालय में ह़ज़रत आयतुल्लाह अल उज़मा अलह़ाज ह़ाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी से मुलाकात की।
इस मुलाकात में मरज ए आली क़द्र ने ज़ाएरीन का ध्यान उन पापों की ओर आकर्षित किया जिन पर मोमेनीन आमतौर पर ध्यान नहीं देते हैं।
मरज ए आली क़द्र ने ज़ाएरीन को नसीहत करते हुए फ़रमाया के दाढ़ी मुंडवाना हराम है और दाढ़ी कम से कम कंघी करने लायक होनी चाहिए एक दाढ़ी जिस में कंघी नहीं हो सकती है, वह दाढ़ी नहीं है यह ऐसा है जैसे कि उसकी दाढ़ी ही नहीं है, इसलिए वह उतना ही दोषी है जितना कि वह व्यक्ति जिसने अपनी दाढ़ी मुंडवा ली हो,
इसलिए इस तथ्य पर ध्यान देना जरूरी है कि दाढ़ी को कंघी करने लायक़ होना चाहिए ताकि इस वाज़िब की अदाएगी हो सके मरज ए आली क़द्र ने सामान्य रूप से सभी मोमेनीन और विशेष रूप से ज़ाएरीन के लिए दुआ की
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