हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी, , हज में यह दिखाता है कि उसे दुनिया में नस्ली और भौगोलिक बुनियादों पर किया जाने वाला भेदभाव मंज़ूर नहीं हैं।
आज सिविलाइज़्ड होने के दावेदार पश्चिमी देश काले-गोरे और यूरोपीय व ग़ैर यूरोपीय नस्ल के मसले में उलझे हुए हैं।
समुद्र में हज़ारों शरणार्थी डूब जाएं तो उन्हें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।
पहले ज़माने से आज तक हज यह पैगाम देता है की दुनिया में बसने वाले हर प्राणी एक हैं आपस में भेदभाव मंजूर नहीं
इमाम ख़ामेनेई,17 मई 2023