۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
مولانا

हौज़ा/मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना सैयद गुलजार जाफरी तारागढ़ अजमेर राजस्थान ने कहा कि वालदैन की खिदमत करने वाला शख्स दुनिया और आखेरत दोनों में कामयाब होता हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर,हिन्दुस्तान के मशहूर शायरे अहलेबैत डॉ.इंतजार मेंहदी शोहरत जौनपुरी के वालदैन की मजलिसे बरसी नगर के बलुआघाट स्थित इमामबारगाह रीठी तला में संपंन हुई। मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना सैयद गुलजार जाफरी तारागढ़ अजमेर राजस्थान ने कहा कि वालदैन की खिदमत करने वाला शख्स दुनिया और आखेरत दोनों में कामयाब होता है।

उन्होंनेे कहा कि कुरआन से लेकर अकवाले मासूमीन तक नजीर मौजूद है जिसमें वालदैन का मरतबा और उनकी अहमियत बताई गई है।

मौलाना ने कर्बला का मंजर बयान करते हुए कहा कि हजरत इमाम हुसैन अ.स. व उनके 71 साथियों ने शहादत देकर न सिर्फ दीने इस्लाम को बचाया बल्कि पूरी मानवता की रक्षा की। इससे पूर्व शोहरत जौनपुरी की किताब रस्मे इजरा जिसमें नौहा, सलाम, मनकबत का मजमुआ है।

मौलाना मोहम्मद रजा खां रन्नवी ने विमोचन किया। उन्होंने कहा कि डॉ.शोहरत जौनपुरी ने अपने वालिद मरहूम अनवर अली के नाम को आगे बढ़ाते हुए आज पूरी दुनिया में अपना नाम रौशन कर रहे हैं। इस किताब के जरिए लोग न सिर्फ उनके नौहे, सलाम को पढ़ सकेंगें बल्कि आने वाली नस्लों को भी इससे दर्स मिलेगा। इसके पूर्व सोजखानी काविश व उनके हमनवा ने किया।

पेशखानी चंदन फैजाबादी, हसन फतेहपुरी, नवाब हैदर चौलसी, नातिक गाजीपुरी ने किया। मुजफ्फरनगर ककरौली से आये काशिफ ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़कर माहौल को गमगीन कर दिया। इस मौके पर इफ्तिेखार मेंहदी, सैयद मोहम्मद असकरी, डॉ.कमर अब्बास, शाहिद मेंहदी, कुमैल मेंहदी, नेहाल हैदर सहित अन्य लोग मौजूद रहे। आभार डॉ.इंतजार मेंहदी ने प्रकट किया।

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