۹ تیر ۱۴۰۳ |۲۲ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jun 29, 2024
नौलाना

हौज़ा/मौलाना कुमैल असगर गाजीपुरी ने दीन की राह में इमाम हुसैन और उनके परिवार वालों की दी गई कुर्बानियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि दीन के रास्ते पर चलकर ईल्म हासिल करना चाहिए

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इल्म यानी ज्ञान का दरवाजा हज़रत अली है और इमाम हुसैन उसकी चाबी मौलाना ने कर्बला में इमाम की शहादत का जिक्र किया तो सोगवार रोने लगे। 

मौलाना कुमैल असग़र गाजीपुरी ने मिम्बर-ए-रसूल से खिताब फरमाया मौलाना ने बताया कि इमाम हुसैन ने अपने नाना का दींन बचाने के लिए कर्बला के मैदान में अपने आप और परिवार वालों को कुर्बान कर दिया।

उन्होंने कहा कि अगर जीवन और आखिरत यानी मौत के बाद की जिंदगी में सफल होना है तो ज्ञान हासिल करो, और ज्ञान सिर्फ अहलेबैत अ.स. से मिल सकता है।

मौलाना ने कहा कि इमाम हुसैन के चरित्र को ध्यान में रख जिंदगी गुजारनी चाहिए उन्होंने आगे उनकी एक बात को याद करते हुए कहा कि, किसी के गम में शरीक होने का मतलब सिर्फ इतना ही नहीं कि उनके पास बैठ जाएं बल्कि जरूरी है कि ऐसे मौके पर उनके काम आया जाए, उनकी मुश्किल को आसान किया जाए

मौलाना कुमेल असगर ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के घर में मौत हो जाए और वह दुखी हो तो यदि उनका कोई काम भी करना पड़े तो करो, मौलाना कुमैल असगर ने फरमाया कि इमाम हुसैन के चाहने वालों की कमी नहीं थी सुबह शाम लोग उनकी जियारत देखने वाले के लिए खड़े रहते थे उनके पीछे नमाज पढ़ते थें,

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