۵ آذر ۱۴۰۳ |۲۳ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 25, 2024
मौलाना

हौज़ा/ जौनपुर में मकबूल मंजिल में पांच दिवसीय मजलिस को खिताब फरमाते हुए हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना असद यावर सहाब ने कहां, हमें अपने वालदैन की खिदमत करने के साथ साथ उनका एहतेराम भी करना जरूरी हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर,नगर के बलुआघाट स्थित मकबूल मंजिल में हो रही पांच दिवसीय सालाना मजलिस का सिलसिला शनिवार रात्रि तक जारी रहा शनिवार को मजलिस की सोजखानी मेंहदी जैदी व उनके हमनवां ने किया जबकि पेशखानी नातिक गाजीपुरी व एहतेशाम जौनपुरी ने किया।

मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना असद यावर मुजफ्फरपुर बिहार ने कहा कि हमें अपने वालदैन की खिदमत करने के साथ साथ उनका एहतेराम भी करना जरूरी हैं।

आज की इस भागती दौड़ती जिंदगी में लोग अपने मां बाप की खिदमत करने से बचते हैं उन्हें ये समझना चाहिए कि दुनिया के साथ साथ आखिरत में भी इसका सिला मिलता है जो अपने वालदैन की खिदमत करते हैं।

उन्होंने कर्बला में जनाबे सकीना की शहदात पर रौशनी डालते हुए मसायब पढ़े जिसे सुनकर लोगों की आंखों से आंसू निकल पड़े इससे पूर्व शुक्रवार की रात्रि मजलिस का आगाज सोजखानी सैयद अली काशिफ व उनके हमनवां ने किया हसन फतेहपुरी, हेजाब इमामपुरी व अब्बास काजमी ने पेशखानी की।

मजलिस को खेताब मेंहदी हसन वायज जलालपुर अंबेडकरनगर ने किया उन्होंने कहा कि इंसानियत को बचाने के लिए जिस तरह से कर्बला में इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों ने शहादत दी उसे हम लोग कभी भुला नहीं सकते।

उन्हें शायद ये नहीं पता कि इस्लाम ने शहादत देकर जुल्म के खिलाफ आवाज उस वक्त बुलंद की जब यजीदी हुकूमत उन्हें सबकुछ देने को तैयार था पर कर्बला वालों ने हक की खातिर अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया मजलिस का संचालन डॉ.शोहरत जौनपुरी ने किया तथा आभार कुमैल मेंहदी व शाहिद मेंहदी ने प्रकट किया।

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