۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
रहबर

हौज़ा/मुख़्तलिफ़ मामलों में, चाहे बातचीत में ‎शामिल दूसरी सरकारें हों या ख़ुद आईएईए हो, बहुत बार वादे किए गए लेकिन उन वादों को पूरा नहीं ‎किया गया। इसलिए इस बीस साल से जारी विवाद का एक नतीजा यह भी है ‎कि हमें पता चल गया कि उनके वादों पर और उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,सुप्रीम लीडर ने फरमाया,मुख़्तलिफ़ मामलों में, चाहे बातचीत में ‎शामिल दूसरी सरकारें हों या ख़ुद आईएईए हो, बहुत बार वादे किए गए लेकिन उन वादों को पूरा नहीं ‎किया गया। इसलिए इस बीस साल से जारी विवाद का एक नतीजा यह भी है ‎कि हमें पता चल गया कि उनके वादों पर और उनकी बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

अगर यह अपने बात और वादे ने सच्चे होते तो वह कभी भी पीछे नहीं हटते इन्होंने कई बार वादा किया मगर उसको पूरा करने में नाकाम रहे हैं।

20 साल के लंबे समय में इन्होंने कई बार वादा किया और फिर अपने वादे पर अटल नहीं रहे इससे पता चलता है कि यह वादा खुद से करते हैं मगर इनके ऊपर दबाव किसी और का हैं।

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