۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
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हौज़ा/महमूद अलशजरावी ने कहां,आवासियों द्वारा कुरान की प्रतियां फाड़ना और मस्जिदों की बेहुरमती करना एक नाक़ाबिले बर्दाश्त आपराधिक कृत्य हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,वर्ल्ड यूनियन ऑफ मुस्लिम उलमा के एक सदस्य ने ज़ायोनी निवासियों द्वारा मस्जिदों और कुरआन के अपमान के जवाब में कहा मस्जिदों की तौहीन करना और कुरान मजीद को फाड़ना एक आपराधिक कृत्य है।

वर्ल्ड यूनियन ऑफ मुस्लिम उलमा के सदस्य महमूद अलशजरावी ने एक भाषण में कहा, आवासियों द्वारा कुरआन की प्रतियां फाड़ना और मस्जिदों की बेहुरमती करना एक नाक़ाबिले बर्दाश्त आपराधिक कृत्य हैं।

उन्होंने अरब और इस्लामी देशों से ज़ायोनी क़ब्जा वालों और बाशिंदों के अपराधों के ख़िलाफ़ गंभीर रुख अपनाने को कहा हैं।

अलशजरावी ने कहा जॉर्डन नदी के पश्चिमी तट पर नब्लस के दक्षिण में अरीफ गांव में बसने वालों द्वारा अलरबात मस्जिद की बेहुरमती करना एक नफ़रत अंगेज कार्य है जिसे सभी मुसलमान के खिलाफ़ धार्मिक युद्ध के संदर्भ में किया गया है।

उन्होंने कहा आगे कहां ज़ायोनी शासन में सबसे चरम सरकार की आड़ और हिमायत के तहत बसने वालों के अपराध तेज़ हो रहे हैं। जबकि कुछ अरब सरकारें इन अपराधों को नज़रअंदाज़ करती हैं और इन्हें सामान्य बनाने की कोशिश करती हैं।

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