हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,फिलिस्तीनी प्राधिकरण के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में घोषणा की कि कब्जे वाली ताकतों और चरमपंथी बसने वालों के समूहों ने इब्राहिमी तीर्थ शरीफ़ के द्वार और दीवारों पर ज़ायोनी शासन के झंडे फहराऐ।
इस बयान में कहा गया है ज़ायोनी शासन की यह कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून और जिनेवा समझौतों का स्पष्ट उल्लंघन है और नागरिकों और मुसलमानों की भावनाओं को स्पष्ट रूप से उकसाती है।
फिलिस्तीनी प्राधिकरण के विदेश मामलों के मंत्रालय ने कहा,यह आक्रमण कब्जाधारियों की परियोजनाओं का एक अभिन्न अंग है, जिसका उद्देश्य इब्राहिमी मस्जिद की चोरी करना और इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विशेषताओं और पहचान को बदलकर इसे यहूदी बनाना है।
इस कथन के अनुसार, ज़ायोनी शासन की यह कार्रवाई कब्जाधारियों की मानसिकता और उनकी नीतियों को व्यक्त करती है, जो पूजा स्थलों और ऐतिहासिक स्थानों और कब्जे वाले फिलिस्तीन में मुसलमानों की विरासत को लक्षित करती है ताकि इस कब्जे वाले शासन और इसकी औपनिवेशिक योजनाओं की सेवा करने में इसकी वास्तविकता को गलत साबित किया जा सके।
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने कल, 23 अप्रेल को इब्राहिमी मस्जिद की दीवारों पर ज़ायोनी शासन के झंडे को फहराने में कब्जे वाली ताकतों की कार्रवाई की कड़ी निंदा की हैं।