हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الجواد علیه السلام
ثَلاثُ خِصالٍ تُجتَلبُ بِهِنَّ المَحَبَّةُ: الإِنصافُ فِي المُعاشَرَةِ، وَالمُؤاساةُ فِي الشِّدَّةِ وَالاِنطِواعِ ، وَالرُّجوعُ إلى قَلبٍ سَليمٍ
हज़रत इमाम जवाद अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
तीन आदतें व खुसूसियत दोस्ती और मोहब्बत में इज़ाफे का सबब बनती है
(1)रहन सहन में इंसाफ करना ,
(2)खुशी और ग़म में एक दूसरे के हमदर्द बनाना,
(3)ग़ुनाहों से पाक दिल का मालिक होना,
बिहारूल अनवार,78/82/77