हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "बिहारूल अनवार" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الهادی علیه السلام
اُذکرْ حَسَراتِ التَّفریطِ بأخذِ تَقدیمِ الحَزمِ
हज़रत इमाम हादी अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
गुज़रे कामों में कोताही और उसमें नाकामी की वजह से हासिल पछतावे को याद करो और आने वाले दीनों में दूर अंदेशी अख्तियार करो,
बिहारूल अनवार,87/370
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