हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,महदवीयत के सिलसिले में एक बात यह है कि इस्लामी स्रोतों में, शिया किताबों में इमाम महदी अलैहिस्सलाम अ.स के ज़ुहूर के इंतेज़ार को इंतेज़ारे फ़रज कहा गया है। इस फ़रज का क्या मतलब है?
फ़रज यानी गिरह खोलने वाला। इंसान कब किसी गिरह खोलने वाले का इंतेज़ार करता है? कब किसी फ़रज का इंतेज़ार करता है? जब कोई चीज़ उलझी हुयी हो, कहीं कोई गिरह पड़ गई हो,
जब कोई मुश्किल सामने हो, किसी मुश्किल में इंसान को फ़रज यानी गिरह खोलने वाले की ज़रूरत होती है कि कोई अपने तेज़ नाख़ुन से उलझी हुयी गिरह खोल दे। कोई हो जो मुश्किलों और मुसीबतों की गिरहों को खोल दे। यह बहुत ही अहम बात है।
इंतेज़ारे फ़रज का मतलब या दूसरे लफ़्ज़ों में ज़ुहूर का इंतेज़ार यह है कि इस्लाम, ईमान और अहलेबैत के मत पर यक़ीन रखने वाला, वास्तविक दुनिया की स्थिति को जानता हो,
इंसानी ज़िन्दगी की उलझी हुयी गिरह और मुश्किल को जानता हो, हक़ीक़त भी यही है। उसको इंतेज़ार है कि इंसान के काम में जो गिरह पड़ी हुयी है, जो परेशानी और रुकावट है, वह गिरह खुल जाए और रुकावट दूर हो जाए। अस्ल बात हमारे और आपके व्यक्तिगत मामलों में रुकावट व गिरह पड़ जाने की नहीं है।
इमाम महदी अलैहिस्सलाम पूरी इंसानियत की गिरह खोलने और मुश्किलों को दूर करने के लिए ज़ाहिर होंगे और तमाम इंसानों को परेशानियों से मुक्ति दिलाएंगे। मानव समाज को रिहाई दिलाएंगे बल्कि इंसान के भविष्य के इतिहास को नए तरीक़े से लिखेंगे।
इमाम ख़ामेनेई