۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
नौसेना

हौज़ा/ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने इस्लामी गणतंत्र ईरान की नौसेना के 86वें स्क्वाड्रन के कमांडरों, कर्मचारियों और उनके परिवारों से मुलाक़ात में कहा है कि आप लोगों ने गौरवपूर्ण कार्य किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,इस्लामी गणतंत्र ईरान की नौसेना के 86वें स्क्वाड्रन के कमांडरों, कर्मचारियों और उनके परिवारों ने रविवार की सुबह ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता से मुलाक़ात की।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने इस मुलाक़ात में कहाः दुनिया का चक्कर लगाने का महान मिशन आप लोगों ने पूरा किया है, जो ईरानी नेविगेशन के इतिहास में अभूतपूर्व है। यह मिशन सेना और आईआरजीसी के अतीत के बलिदानों का परिणाम है।

आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने इस्लामी गणतंत्र ईरान की नौसेना के 86वें स्क्वाड्रन के कमांडरों, कर्मचारियों और उनके परिवारों को संबोधित करते हुए कहाः क्रांति के आंदोलन की महत्वपूर्ण घटनाओं से लेकर आज तक दी गई क़ुर्बानियों के परिणाम स्वरूप, आज की सफलताओं के लिए भूमि प्रशस्त हुई है।

इस्लामी क्रांति के नेता का कहना था कि सेना और आईआरजीसी ने समुद्र में बहुत क़ुर्बानियां दी हैं, जिनका फल आज मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि आप लोगों ने यह साबित कर दिया कि आज़ाद समुद्रीय क्षेत्रों पर सभी का अधिकार है, और जो लोग यह दावा करते हैं कि हम कुछ जहाज़ों को नहीं गुज़रने देंगे, वह सब ग़लत साबित हो गया।

ग़ौरतलब है कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की नौसेना के 86वें स्क्वाड्रन ने हिंद महासागर, प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर से गुज़रते हुए 65 हज़ार किलोमीटर का समुद्री सफ़र तय किया और पूरी दुनिया का चक्कर लगाया है।

यह स्क्वाड्रन दुनिया का चक्कर लगाने के बाद, 20 मई को स्वदेश वापस लौटा है, जिसका ईरानी वायु सेना के लड़ाकू विमानों और नौसेना के युद्धपोतों ने सलामी देकर स्वागत किया।

ईरानी स्क्वाड्रन ने 20 सितम्बर 2022 को दुनिया भर का चक्कर लगाने के लिए यह यात्रा शुरू की थी।

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