۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
समाचार कोड: 389237
12 मार्च 2024 - 13:08
दिन की हदीस

हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अ.स.ने एक रिवायत में रोज़ा वाजिब होने के बारे में बताया हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "एल्लुश शराऐ" पुस्तक से लिया गया है इस कथन का पाठ इस प्रकार है:

:قال الامام الرضا علیه السلام 

الإمامُ الرِّضا علیه السلام ـ في علّةِ وُجوبِ الصَّومِ ـ: لِكَي يَعرِفُوا ألَمَ الجُوعِ و العَطَشِ، و يَستَدِلُّوا على فَقرِ الآخِرَةِ، و لِيكونَ الصائمُ خاشِعا ذَليلاً مُستَكينا مَأجُورا مُحتَسِبا عارِفا صابِرا على ما أصابَهُ مِن الجُوعِ و العَطَشِ، فَيَستَوجِبَ الثَّوابَ مَع ما فيهِ مِنَ الإمساكِ عنِ الشَّهَواتِ، و لِيكونَ ذلكَ واعِظا لَهُم في العاجِلِ، و رائضا لَهُم على أداءِ ما كَلَّفَهُم و دَليلاً لَهُم في الأجرِ، و لِيَعرِفوا شِدَّةَ مَبلَغِ ذلكَ على أهلِ الفَقرِ و المَسكَنَةِ في الدنيا، فَيُؤَدُّوا إلَيهِم ما فَرَضَ اللّهُ لَهُم في أموالِهِم.[۱۴]

हज़रत इमाम रज़ा अ.स. ने रोज़ा के वाजिब होने की इल्लत बयान करते हुए फरमाया,रोज़े को ख़ुदा ने वाजिब किया हैं ताकी लोग भूख और पियास के दर्द को महसूस कर सकें और आखिरत में अपनी पियास को महसूस कर सके,और ताकि रोज़ेदार व्यक्ति विनम्र, दृढ़, मेहनती, जानकार, धैर्यवान हो सके।
अल्लाह तआला की खुशनुदी और उसके सवाब का तालिब,आरिफ और साबिर बन जाए और उनके सवाब का हकदार पाए इसके अलावा रोज़ा कामुक इच्छाओं से दूर रहने का भी एक कारण है और यह कि रोज़ा दुनिया में इनके लिए नसीहत का सबस बने और उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करे,और आज्र व सवब तक पहुंचाने के लिए लोगों की रहनुमाई करें और दुनिया में जी भूख और प्यास की सख्ती और कष्ट जो फकीर लोग झेलते हैं उसको महसूस करें और आखिरकार उनके मालो दौलत में से अल्लाह की राह में खर्च करें और अदा करें।

एल्लुश शराऐ,270

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