गुरुवार 24 अगस्त 2023 - 07:37
सूर ए बक़रा: तलाकशुदा महिलाओं के कानूनी मुद्दों पर ध्यान देना बहुत मूल्यवान और महत्वपूर्ण है

हौज़ा | तलाकशुदा महिलाओं को पर्याप्त और उचित धन और संसाधन देना आवश्यक है। तलाकशुदा महिलाओं को पर्याप्त और उचित धन और संसाधन देना मुत्तकी लोगों का कर्तव्य है और उनके तक़वे की निशानी है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

तफ़सीर; इत्रे कुरआन: तफ़सीर सूर ए बकरा

بسم الله الرحـــمن الرحــــیم    बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
وَلِلْمُطَلَّقَاتِ مَتَاعٌ بِالْمَعْرُوفِ ۖ حَقًّا عَلَى الْمُتَّقِينَ  वलिल मुतल्लेक़ाते मताउन बिल मारूफ़े हक्क़न अलल मुत्ताक़ीना  (बकरा, 241)

अनुवाद: और वो औरतें जिनका तलाक हो चुका है उन्हें पर्याप्त नफ़क़ा देना जरूरी है। यह परहेजगारो की जिम्मेदारी है।

क़ुरआन की तफसीर:

1️⃣  तलाकशुदा महिलाओं को पर्याप्त एवं उचित धन एवं संसाधन देना आवश्यक है।
2️⃣  तलाकशुदा महिलाओं को पर्याप्त और उचित धन और संसाधन देना मुत्तकी लोगों का कर्तव्य और उनके तकवे की निशानी है।
3️⃣  तलाकशुदा महिलाओं के कानूनी मुद्दों पर ध्यान देना बहुत मूल्यवान और महत्वपूर्ण है।
4️⃣  इद्दत पूरी होने के बाद पुरुष को अपनी ताकत और क्षमता के अनुसार तलाकशुदा महिला को उचित और अच्छी संपत्ति और संसाधन देना जरूरी है।

इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम आयत की तफसीर में फ़रमाते हैं:
तलाकशुदा महिला को दौलत देने का समय उसकी इद्दत बीत जाने के बाद होता है और इसकी रकम अमीर और गरीब के हालात के मुताबिक होती है।
कॉफ़ी, भाग 6, पेज 105


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तफसीर राहनुमा, सूर ए बकरा

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