रविवार 27 अगस्त 2023 - 06:05
तकवा इंसान को हर मैदान में मज़बूत बनाता हैं।

हौज़ा/ईरानी क़ौम ने अपने इंक़ेलाब में अल्लाह के तक़वे को मद्देनज़र रखा इस इंक़ेलाब इस मुल्क अपनी इस्लामी हक़ीक़त समेत अपनी धार्मिक व राष्ट्रीय पहचान की रक्षा में तक़वे पर अमल किया, इसलिए आज हम अल्लाह की तारीफ़ के साथ अर्ज़ करते हैं कि आप उसी तरह ताक़तवर हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , सुप्रीम लीडर ने फरमाया,आप सब ने ईरानी क़ौम ने अपने इंक़ेलाब में अल्लाह के तक़वे को मद्देनज़र रखा इस इंक़ेलाब इस मुल्क अपनी इस्लामी हक़ीक़त समेत अपनी धार्मिक व राष्ट्रीय पहचान की रक्षा में तक़वे पर अमल किया, इसलिए आज हम अल्लाह की तारीफ़ के साथ अर्ज़ करते हैं कि आप उसी तरह ताक़तवर हैं।

स्थिरता व दृढ़ता भी तक़वे की वजह से है अमीरुल मोमेनीन की उपाधियों में से एक “कर्रार, ग़ैर फ़र्रार” (बढ़ बढ़ कर हमला करने वाला, पीठ न दिखाने वाला) है। पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम ने अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम को यह उपाधि दी हैं।

जो सिर्फ़ जंग के मैदान से मख़सूस नहीं है सभी इंसानी व अख़लाक़ी मैदानों में अमीरुल मोमेनीन कर्रार ग़ैरे फ़र्रार थे यानी बढ़ बढ़ कर हमला करने वाले ताक़तवर विचारक पीछे न हटने वाले अपनी जगह पर अटल, अपने स्टैडं पर डटे रहने वाले, स्वीकार योग्य, आस्था की बुनियादों पर अटल, दुनिया की नाइंसाफ़ियों, ज़्यादतियों, बुराइयों, ख़राबियों और ग़लत रास्तों के संबंध में रक्षात्मक मुद्रा अपनाने के बचना, आक्रामक स्टैंड लेना, अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सालम के कर्रार, ग़ैर फ़र्रार होने की ख़ूबियों में से है।

आप अगर अमीरुल मोमेनीन की ज़िन्दगी पर निगाह डालें, तो शुरू से आख़िर तक आप देखेंगे कि इस अज़ीम हस्ती की ज़िन्दगी इसी तरह की है, हमारा इलाज भी इसी में है कि हम आपकी पैरवी करें।

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