हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , बहरैन का अत्याचारी आले ख़लीफ़ा शासन इस देश के शिया मुसलमानों के साथ वर्षों से अत्याचारपूर्ण रवैया अपनाए हुए है कई साल से इस देश में पैग़म्बरे इस्लाम स.ल.व.व. के प्रण प्रिया नवासे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है।
लेकिन हर साल इस देश के की जनता सभी पाबंदियों के बावजूद इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का शोक मनाती चली आ रही है।
इस साल भी बहरैन की राजधानी मनामा के नज़दीक शिया मुसलमानों ने चेहलुम के मौक़े पर विशाल अरबईन मार्च निकाला। बहरैन के शिया मुसलमान अरबईन के मौक़े पर आयोजित होने वाली शोक सभाओं और अरबईन मार्च में भाग लेने के लिए भारी संख्या में राजधानी मनामा के पास स्थित अल-द्राज़ क्षेत्र की सड़कों पर आए और कर्बला के शहीदों को याद किया।