۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
मजलिस

हौज़ा/खतीब मजलिस क़नबर नकवी ने कहा कि जो कोई भी किसी भी समय पैगंबर की नबूवत पर संदेह करता है, चाहे उसका कद कुछ भी हो, वह रिसालत से इनकार करने वाला और पथभ्रष्ट है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सिरसी (संभल)/परवर दिगार की नज़र में, हर युद्ध और जिहाद और शांति और सुलह जो सत्य शब्द के पुनरुत्थान के लिए है, एक बहुत ही पसंदीदा कार्य है और जो व्यक्ति इसे करता है ईश्वर का प्रिय और दूरदर्शी भी है। पैगंबर की जीवनी के प्रकाश में, यह साबित होता है कि पैगंबर और जिसके साथ वह शांति स्थापित करते हैं, जरूरी नहीं कि वह मुस्लिम और आस्तिक हो, बल्कि वह काफिर, बहुदेववादी और पाखंडी भी हो सकते हैं। ये तथ्य पवित्र पैगंबर (स) के नाती इमाम हसन मुज्तबा (अ) इब्न अली (अ) की शहादत के अवसर पर इमाम में मौलाना सैयद नज़र हुसैन नकवी के परिवार द्वारा आयोजित मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना ने व्यक्त किए गए थे।

मजलिस-ए-मासूमीन लोगों को गंदगी से बाहर निकाल कर शऊरे बंदगी देती है, मौलाना क़मबर नकवी

मजलिस के खतीब ने कहा कि सुलैह हुदबिया को जीत घोषित करने का ईश्वर का निर्णय एक संकेत है कि शांति, युद्ध और आंदोलन के अच्छे और इच्छित परिणाम तुरंत नहीं देखे जा सकते हैं, और सुलैह इमाम हसन (अ) के परिणाम और इमाम हुसैन (अ) के जिहाद को मुसलमानों द्वारा तुरंत महसूस नहीं किया गया है। लेकिन दोनों अवसरों पर, पहले दिन से पुनरुत्थान के दिन तक, जीत और सफलता हासिल की गई है।

मजलिस-ए-मासूमीन लोगों को गंदगी से बाहर निकाल कर शऊरे बंदगी देती है, मौलाना क़मबर नकवी

खतीब मजलिस क़नबर नकवी ने आगे कहा कि जो कोई भी पवित्र पैगंबर की पैगम्बरी पर संदेह करता है, चाहे उसका कद कुछ भी हो, वह रिसालत से इनकार करने वाला और पथभ्रष्ट है।

मजलिस-ए-मासूमीन लोगों को गंदगी से बाहर निकाल कर शऊरे बंदगी देती है, मौलाना क़मबर नकवी

खतीब-ए-मजलिस ने आखिरी तकरीर में इमाम हसन (अ.स.) की शहादत का दिल छू लेने वाला मंजर पेश किया और कहा कि इतिहास में इमाम हसन (अ.स.) का यह पहला जनाजा है, जिस पर तीर बरसाए गए और जनाजा नहीं छोड़ा गया निर्धारित स्थान पर दफनाने की अनुमति दी जाए।

मजलिस-ए-मासूमीन लोगों को गंदगी से बाहर निकाल कर शऊरे बंदगी देती है, मौलाना क़मबर नकवी

मास्टर सैयद खुर्शीद अनवर अराम सरसवी और हिमनावा और नोहा वसीना ज़िनी ने मजलिस में सैयद अकबर अब्बास और हिमनावा की स्तुति और सलाम किया। मजलिस में मौलाना काजी सैयद हुसैन रजा, मौलाना समर अब्बास नकवी, मौलाना सैयद मंजर अब्बास नकवी सरस्वी, मशहूर शायर अख्तर सरस्वी, सैयद कमर अब्बास मोलाई, शायर अहलुल बैत निश्तर सरस्वी, सैयद समर अब्बास प्रवक्ता चेयरमैन नगर पालिका सिरसी, शायर अहलुल बैत सैयद जहीर अनवर., मौलाना सैयद सलमान रजा नकवी क्यूमी सरसवी, मौलाना मेहदी अब्बास जैदी सरसवी, सैयद सलीम हैदर, जैन सरसवी, डॉ. अनवर हुसैन जैदी, सैयद अमर रजा, गुलशन सरसवी, चौधरी सैयद सफदर नजीर, सैयद कायम रजा समेत प्रमुख लोग समाज के सभी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।

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