हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार अल्लाह उन लोगों को माफ कर सकता है जो उसकी अवज्ञा करते हैं, लेकिन वह उन लोगों को माफ नहीं करेगा जो उसके बंदो का हक अदा नहीं करते हैं। मौलाना शादाब हैदर ने अमरोहा में शोक सभा इमाम मजलूम की सभा को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कुरान की आयतों में कहा कि अल्लाह ने अपनी चमत्कारी किताब में जहां अपने अधिकारों का जिक्र किया है, वहीं अपने बंदों के अधिकारों का भी जिक्र किया है। मौलाना शादाब हैदर ने कहा कि इस्लाम ही एकमात्र ऐसा धर्म है जिसने सबसे पहले बंदो के अधिकारों पर जोर दिया है।
मौलाना शादाब हैदर ने कहा कि जब कुरान नमाज कायम करने की बात करता है तो इसका मतलब अल्लाह के बंदों पर लगाए गए हक से है और जब जकात देने की बात करता है तो इसका मतलब अल्लाह के बंदों के हक की अदायगी है।
यह मजलिस माजिद हुसैन के चेहलम के मौके पर अमरोहा के मोहल्ला दरबार कलां के अजाखाना शम्स अली खां में आयोजित की गई थी, जिसमें पेश-ख्वानी उस्ताद शायर अनवर जहीर अनवर मेरठी ने की, जबकि मरसिया मुदस्सर हुसैन और उनके चचेरे भाइयों ने पढ़ा।
स्वर्गीय माजिद हुसैन अहलुल बैत के कवि आरिफ हुसैन नाजिम के बड़े भाई थे, जिनका 1 जनवरी को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। मजलिस में बड़ी संख्या में विश्वासियों ने भाग लिया और स्वर्गीय माजिद हुसैन के रिश्तेदारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।