हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "दुआयमुल इस्लाम" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال امیرالمؤمنين عليه السلام
الصدقة والحبس ذخيرتان فدعوهما ليومهما
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
सदका और वक्फ दो खाज़ाने हैं, उन्हें उनके अपने दिन (रोज़े कयामत) के लिए छोड़ दो।
दुआयमुल इस्लाम,भाग 2,पेंज 240