۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
अली की विलायत

हौज़ा /  नमाज़, रोज़ा, हज और ज़कात अनिवार्य कार्य हैं जिनका अल्लाह ने आदेश दिया है, लेकिन विलायत के बिना ये कार्य स्वीकार्य नहीं हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी

يَقُولُ اللّه تَبارَكَ وَ تَعالى: وِلايَةُ عَلِىِّ بْنِ اَبى طالِبٍ حِصْنى، فَمَنْ دَخَلَ حِصْنى أَمِنَ مِنْ نارى۔ यकूलुल्लाह तबारका व तआलाः विलायतो अली इब्न अबि तालेबिन हिस्नी, फ़मन दख़ला हिस्नी अमेना मिन नारी

अल्लाह तआला फ़रमाता हैः अली इब्न अबी तालिब की विलायत मेरा किला है, जो व्यक्ति मेरे किले मे दाखिल हुआ वह नरक की आग से सुरक्षित रहेगा।

संक्षिप्त विवरण

नमाज़, रोज़ा, हज और ज़कात अनिवार्य कार्य हैं जिनका अल्लाह ने आदेश दिया है, लेकिन विलायत के बिना ये कार्य स्वीकार्य नहीं हैं।

विलायत अली (अ) अल्लाह का मजबूत किला है, जो इसमें प्रवेश करेगा वह मोमिन है।
और जो कोई इससे बाहर रहे वह काफ़िर और मुनाफ़िक़ है और दीन से बहिष्कृत है।


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जामे अल-अख़बार, पेज 52, हदीस 7

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