۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
علامہ کلب جواد نقوی

हौज़ा/कायदे मिल्लत जाफरिया हिंदुस्तान अल्लामा सैयद कल्ब जवाद नकवी ने लखनऊ में दसवीं मुहर्रम की मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि विलायत अली (अ) के बिना कोई भी कार्य स्वीकार्य नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के जाने-माने धार्मिक विद्वान अल्लामा सैयद कल्ब जवाद नकवी ने इमाम बारा गफ़रान में मुहर्रम अल-हरम की 6वीं मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि अल्लाह ने सृष्टि की शुरुआत से ही परीक्षाओं और परीक्षणों का सिलसिला रखा है। क्योंकि परीक्षण और परीक्षण के बिना मनुष्य का रचनात्मक सार सामने नहीं आता है, यही कारण है कि पैगंबर (स) का भी परीक्षण किया गया था और इमाम मासूमीन (अ) के लिए भी एक परीक्षा आयोजित की गई थी।

उन्होंने कहा कि कैन द्वारा हज़रत हाबिल की हत्या हज़रत आदम के लिए एक परीक्षा थी। हज़रत आदम हमेशा अपने बेटे की शहादत पर रोते थे, उसी तरह आखिरी पैगंबर हज़रत मुहम्मद बिन अब्दुल्ला के लिए भी परीक्षा हुई, ईश्वर उन्हें आशीर्वाद दें और उन्हें शांति प्रदान करें। कर्बला में इमाम हुसैन (अ) की शहादत भी अल्लाह की एक परीक्षा और परीक्षाओं की शृंखला है।

मौलाना ने कहा कि विलायत अली के बिना कोई भी कार्य स्वीकार्य नहीं है। विलायत अली (अ) की घोषणा को अज़ान में रखा गया है ताकि ग़दीर की घोषणा प्रतिदिन नवीनीकृत होती रहे और विश्वासियों के दिल रोशन होते रहें।

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