۱۱ تیر ۱۴۰۳ |۲۴ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 1, 2024
آیت الله اعرافی

हौज़ा/ आयतुल्लाह आराफ़ी ने कहा: तब्लीग़े दीन फ़िक्ह, इज्तिहाद और ज्ञान पर आधारित होना चाहिए। हम वर्तमान पीढ़ी और आज की दुनिया के प्रति उनकी सभी समस्याओं और सवालों का जवाब देने के लिए जिम्मेदार हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, हौज़ा इल्मिया के प्रमुख आयतुल्लाह अली रज़ा आराफ़ी ने जामिया मुदर्रेसीन हैज़ा इल्मिया क़ुम (शिक्षक संघ) और ईरानी उलेमाओं की 13वीं राष्ट्रीय बैठक के अवसर पर इस महत्वपूर्ण बैठक के आयोजन की सराहना करते हुए विद्वानों की प्रशंसा की। शिक्षकों और प्रचारकों को धन्यवाद दिया और संकाय के प्रबंधन के संबंध में पहल, परियोजनाओं और कार्यक्रमों पर आधारित एक रिपोर्ट प्रस्तुत की।

उन्होंने कहाः तब्लीग ज्ञान के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण है। इस संबंध में किये जाने वाले निर्णयों के क्रियान्वयन पर गंभीरता से ध्यान दिया जायेगा।

हौज़ा इल्मीया के प्रमुख ने तब्लीगे दीन को हौज़ा इलमिया का महान कर्तव्य घोषित करते हुए कहा: क्रांति के सर्वोच्च नेता के हालिया बयानों को देखते हुए, उपदेश और जिहाद पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

आयतुल्लाह आराफ़ी ने  आय ए नफ़र का जिक्र करते हुए तब़्लीग को विद्वानों और उपदेशकों की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक माना और इस बात पर जोर दिया कि यह मिशन ज्ञान है और कहा: ज्ञान का क्षेत्र धार्मिक तथ्यों को समझने और उन्हें समझाने का स्थान है।

उन्होंने आगे कहा: हमें तबलीग़ की समस्या को व्यापक और समग्र रूप से देखना चाहिए और नियमित रूप से इसके लिए योजना बनानी चाहिए। उसी प्रकार प्रचार कार्य के अधिकारियों एवं उत्तरदायी संस्थाओं को भी इस समस्या के महत्व को समझना चाहिए और प्रचारकों की समस्याओं का यथासंभव समाधान कर उनका सरलीकरण करना चाहिए।

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