۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा/बज़ाते ख़ुद इस काम में कोई हर्ज नहीं है लेकिन अगर हराम में पढ़ने का खौफ हो तो हराम हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं,उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल: पुरुष के लिए महिलाओं के मेकअप और आराईश  के सामान बेचने का क्या हुक्म है?

उत्तर: बज़ाते ख़ुद इस काम में कोई हर्ज नहीं है लेकिन अगर हराम में पढ़ने का खौफ हो तो हराम हैं।

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