۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
मज़दूरी

हौज़ा/वह सैलरी जो कि हराम कामों के बदले में ली जाए हराम हैं, अगर हराम काम के लिए नौकरी मिले तो सैलरी के अलावा पेंशन भी हराम हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,वह सैलरी जो कि हराम कामों के बदले में ली जाए हराम हैं, अगर हराम काम के लिए नौकरी मिले तो सैलरी के अलावा पेंशन भी हराम हैं।

तीन बिंदु हराम कामों की मज़दुरी के बारे में:

(1)वह सैलरी जो कि हराम कामों के बदले में ली जाए हराम हैं।

(2)अगर हराम काम के लिए नौकरी मिले तो सैलरी के अलावा पेंशन भी हराम हैं।

(3)हराम पैसे की कमाई का सदका नहीं दे सकते मगर यह कि हाकीम ए शरआइ जाजत दे तो कोई इशकाल नहीं हैं।
स्रोत:
1, इमाम खुमैनी के इस्तेफताहात, खंड 2 स. 61, 62, 63

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