हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "उसूले काफी" पुस्तक से लिया गया है इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
أبعَدُ ما یَکونُ العَبدُ مِنَ اللّه أن یَکونَ الرَّجُلُ یُواخی الرَّجُلَ و هُوَ یَحفَظُ (علَیهِ) زَلاّتِهِ لِیُعَیِّرَهُ بِها یَوما ما
हज़रत इमाम जफार अलैहिस्सलाम ने फरमाया:
अल्लाह तआला से दूरतरीन वह आदमी है जो किसी आदमी से भाईचारा कायम करें और उसकी गलतियों को अपने पास महफूज़ रखे ताकि एक दिन इसके माध्यम से उसकी बुराई करें।
उसूले काफी, 7/355/2