हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को " मिज़ानुल हिकमा,,पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال رسول اللہ صلی اللہ علیہ وآلہ وسلم
أطِبْ كَسبَكَ تُستَجَبْ دَعوَتُكَ، فإنَّ الرّجلَ يَرفَعُ اللُّقْمَةَ إلى فِيهِ (حَراما) فما تُستَجابُ له دَعوَةٌ أربَعينَ يوما
हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया:
अपनी आमदनी को पाक व हलाल करो, ताकि तुम्हारी दुआ कबूल हों, क्योंकि जब भी कोई आदमी हराम का एक लुकमा भी खाता है तो 40 दिन तक उसकी दुआ कबूल नहीं होती हैं।
मिज़ानुल हिकमा,भाग 4,पेंज 30