हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "उसूले काफी" पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الباقر علیه السلام
اِنَّما شيعَةُ عَلِيٍّ ألحُلَماءُ وَ العُلَماءُ الذُّبْلُ الشِّفاهِ تُعْرَفُ الرُّهبانِيَّةُ عَلى وُجُوهِهِمْ
हज़रत इमाम बाकिर अ.स.ने फरमाया:
बेशक,हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम के शिया सहाबे हिल्म और बुद्धिमान व्यक्ति हैं अल्लाह तआला का ज़िक्र हमेशा उनके होठों पर रहता है, और उनके चेहरों से इबादत और सरल जीवन दिखाई देता है,
उसूले काफी,भाग 3,पेज 332