हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "उसूले काफी" पुस्तक से लिया गया है इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
اَلْعَمَلُ الْخالِصُ الّذی لاتُریدُ اَنْ یَحْمَدَكَ عَلَیْهِ اَحَدٌ إلاَّ اللهَ عَزَّوَجَلَ
हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
खालिस अमल वह अमल है, जिसके बारे में तुम नहीं चाहते कि अल्लाह ताला के सिवा कोई तुम्हारी तारीफ़ और प्रशंसा करे।
उसूले काफी, भाग 4, पेज 16, हदीस 2